
सीओपीडी कई बीमारियों का समूह है, जिसमें क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और फेफड़ों से संबंधित कई अन्य संक्रमण शामिल हैं। करोड़ों लोगों में सीओपीडी की पहचान हो रही है, जो खराब लाइफस्टाइल और पर्यावरण का परिणाम है। सीओपीडी में साँस की नलियाँ सिकुड़ जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। यह सूजन निरंतर बढ़ती रहती है जिससे आगे चलकर फेफड़े छलनी हो जाते हैं। इसे एम्फायसेमा कहते हैं। यह बीमारी साँस में रुकावट से शुरू होती है और धीरे-धीरे साँस लेने में मुश्किल होने लगती है।चिकित्सकों का कहना है कि लोग क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज को आसानी से पहचान सकते हैं, अगर लोगों को लगे कि उन्हें दो महीने से लगातार बलगम वाली खांसी आ रही है, तो वे समझ लें कि आपको डॉक्टर से तुरंत मिलने की जरूरत है।सीओपीडी को हम 'कालादमा' भी कहते है. इसमें फेफड़े में एक काली तार बन जाती है
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Anchor: Preeti Singh / प्रीति सिंह
Doctor: Dr Randeep Guleria, Director, All India Institute of Medical Sciences
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